मान लीजिये कि 2-4 गुंडे किस्म के लोगों ने आपको घेर लिया और पास के ATM ले गए जबरन पैसे निकलवाने। अब आपके पास केवल दो विकल्प हैं। एक या तो आप उन्हें 10000/- निकाल कर दे दीजिये क्यूंकि आम तौर पर यही प्रतिदिन का लिमिट होता है। दूसरा ये कि आप अपने पिन को उल्टा डालें ताकि संकेत पाकर पुलिस वहां आ जाये।
अब उल्टा पिन डालने से जो होगा उसे चार आसान चरणों में समझते हैं:
- पहली बार उल्टा पिन डालने पर ATM मशीन उसे गलत पिन के रूप में रिकॉर्ड कर लेगी।
- दूसरी बार पुनः उल्टा पिन डालने पर ATM मशीन उसे दोबारा गलत पिन के रूप में रिकॉर्ड कर लेगी।
- जैसे हीं आप तीसरी बार उल्टा पिन डालेंगे, ATM मशीन आपके कार्ड को ब्लॉक कर देगी। इसके बाद चाह कर भी आप उस कार्ड से सही पिन डाल कर भी पैसे नहीं निकाल पाएंगे।
- चौथे और अंतिम चरण में होगा ये कि पैसे ना मिलने की कुंठा और निराशा में वो सभी गुंडे तबियत से आपको कूट देंगे।
कुल मिलाकर बात ये है कि इन उलटे पिन वाली बेसिरपैर की बातों में विश्वास ना करें। यदि ऐसी स्थिति में फस जाएँ तो चुप-चाप 5-10 हजार रूपये उन्हें देकर छुटकारा पाएं। आपका जीवन उन 10000/- रुपयों से बहुत अधिक कीमती है।
बाद में सुरक्षित निकलने के बाद आप जाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करें। यदि वे लोग आपका ATM कार्ड ले गए हों तो तत्काल बैंक को फ़ोन कर या ऑनलाइन अपना कार्ड ब्लॉक करवा लें। कार्ड ब्लॉक करने की सुविधा बैंक में 24 घंटे उपलब्ध रहती है।
जरा सोचिए अगर आपका पिन 1111, 1001, 4554 जैसा कुछ हो तो ये महान तकनीक कैसे काम करेगी?
अब Technical भाषा मे समझते है कि क्या ऐसा संभव है?
यदि मशीन द्वारा रिवर्स कोड को पहचाना जा सकता है, तो इसका मतलब यह होगा कि एटीएम मशीन आपके कार्ड का मूल कोड को जानती है
अगर कोई प्रोग्रामर किसी के मूल कोड को जान सकता हैं तो वह ग्राहकों के खाते खाली कर सकता हैं।
इसलिए क्लाइंट सुरक्षा की मांग है कि कोड को पढ़ना असंभव हो। यह मूल संख्यात्मक कीपैड में एकीकृत एक सीलबंद मॉड्यूल द्वारा एन्क्रिप्ट किया गया है।
यह प्रश्न एक अत्यधिक काल्पनिक दावे पर आधारित है जो अक्सर सुनाई देता है।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें, अफवाहों पे ध्यान न दे।।